मंदिर में दाना चुगकर चिड़िया,
मस्जिद में पानी पीती है
मैंने सुना है राधा की चुनरी
कोई सलमा बेगम सीती है
एक रफी था महफिल महफिल
रघुपति राघव गाता था
एक प्रेमचंद बच्चों को
ईदगाह सुनाता था
कभी कन्हैया की महिमा गाता
रसखान सुनाई देता है
औरों को दिखते होंगे
हिंदू,मुसलमा सिख, ईसाई
मुझे तो हर शख्स के भीतर
इंसान दिखाई देता है ॥
. ~~~~~~> संकलित
सुप्रभात मित्रों -
आनेवाला "पल" और "कल"मंगलमयी हो ।
मंगलवार, 30 अगस्त 2016
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