देखें देश मे क्या कुछ बट गया है
देश की शान में कहे जाने वाले
विचारों पर मतभेद हो गया हैं
आन बट गया मान बट गया
भारत का गुणगान गाने वाले
इनसान का "मन" बट गया है
अखंडभारत और कौमी एकता के
अब कैसे- कैसे चर्चे हो रहे हैं
देंश में आजादी के नाम पर
धर्म बट गया है रंग बट गया हैं
गौ माँ बट गयी बकरा बट गया हैं
अभिव्यक्ति की आजादी नें
ऐसे ऐसे घिनौने खेल किए
दिल के दो तुकड़े कर दिये
एक तुकड़ा माँ को बट गया है
दुजा तुकड़ा बाप को बट गया है
जातिगत आरक्षण की आंधी ने
देश की संपत्ति को राख किया
आम बट गया खास बट गया
इनसानों का ईमान बट गया है
सफेदपोश राजनीति की आड़ में
संसद में बैठा भी नेता डट गया
पक्ष बट गया है विपक्ष बट गया है
सड़क छाप नेता भी बट गया है
चलचित्रों का चरित्र चित्रण भी
मैला हो गया कुचला हो गया
समाचारों का मापदंड घट गया
"जी" बट गया है "आज" बट गया है
प्रिंटमिडिया,विज्ञापन में बट गया है
फेसबुक की पटकथा भी राजनीति
धर्मपरायणता, आशिकी मिजाज़
चरित्रहीनता के मंचन से पट गयी
इसीलिए मित्रों का अभिमत बट गया हैं
लाईक बट गयी है
कमेंट्स बट गया है और
एक मित्र इधर बट गया है
दुसरा मित्र उधर बट गया है
तीसरा चौथा पाँचवाँ छटवां मित्र .....
इधर-उधर बट गया है ॥।
सारी दिल की दुनिया ही बट गईं है
मेर दिल अब अधिर,बेकल हो गया है **
~~~~~>मनीष गौतम 'मनु'
दिनांक 06/03/2016
शुभ संध्या मित्रों-
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो..
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