अभिव्यक्ति की आजादीीीी _
अभिव्यक्ति / व्यवहार की ज्यादाती पर "कानुन" सजा दे अथवा न दें पर प्रकृती और जिन्दगी का "बकसना" मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. !
अत: अभिव्यक्ति की मिली आजादी में शिष्टाचार आवश्यक है !!
~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
शुभ संध्या मित्रों
आने वाला "पल" और "कल" मंगलमयी हो....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें