शनिवार, 6 फ़रवरी 2016

  अभिव्यक्ति की आजादीीीी _
 
अभिव्यक्ति / व्यवहार  की  ज्यादाती पर  "कानुन" सजा दे अथवा न  दें पर प्रकृती और  जिन्दगी  का  "बकसना" मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. !
अत: अभिव्यक्ति की मिली आजादी में शिष्टाचार आवश्यक है !!
~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"

शुभ संध्या मित्रों
आने वाला "पल" और "कल" मंगलमयी हो....

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