हमारे लिए राष्ट्रवाद महत्वपूर्ण मूल्य---
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देशद्रोह के अपराध को कानून की किताब से मिटा नहीं डालना चाहिए । बाहें फैलाने के मेरे अधिकार के कारण मुझे किसी चेहरे पर प्रहार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती । सारी स्वतंत्रताओ कि अपनी सीमा है और कोई स्वतंत्रता निरपेक्ष नहीं है । यह कोई तानाशाही विचार नहीं है ; यह लोकतंत्र का मूल तत्व है । एक ऐसे देश में जहा सशस्त्र बल देश की रक्षा,सुरक्षा की खातिर और इसकी स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए रोज बलिदान दे रहे हो, देश के लोगों में राष्ट्रवाद सर्वाधिक महत्व का मूल्य है । यदि स्वतंत्रता के नाम पर देशवासी ऐसे काम करें जो देश के लिए शर्मनाक हो और देश के बाहर हमारे शत्रुओं को प्रोत्साहित करते हो तो हमारे सैनिकों से अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वह सियाचिन की खून जमने वाली कगारों पर सर्वोच्च बलिदान दे । इसलिए आइए शांति और समझदारी को बहाल करने में मदद करें, पुलिस को उनका काम करने दें,न्यायपालिका को तय करने दे कि देशद्रोह का आरोपी सही या गलत और राजनेता, राजनैतिक दल और मीडिया से गुजारिश है कि वह आग में अपनी रोटी न सेकें ।।हमारे प्रिय देश से बढ़कर किसी भी बात का कोई अर्थ नहीं है ॥जय हिन्द ॥ साभार ~~~~~> दैनिक भास्कर समा. पत्र दिनांक - 23/02/2016 शुभ संध्या मित्रों-
आने वाला 'पल' और 'कल' मंगलमयी हो...
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