हम कहते हैं_"जान थी वो मेरी" !
और जान तो एक दिन चली ही जाती है ! फिर क्या तेरा क्या मेरा ! सब "धरा" पर "धरा" रह जायेगा ! रे "मनु" तू सब संग जी भर कर जी ले हर दिन आता है इक नया सवेरा....सुप्रभात मित्रों_
आने वाला "पल" और "कल" मंगलमयी हो...
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