शनिवार, 9 मई 2015

आनंद


खिलखिलाते रस भरे फूल..!
चहचहाती मकरंद पर चिड़िया..!
पी रही रस आनंद से मस्ती मे है चूर...! 
प्रकृति ने देखो बिखेरी दी अपनी शोभा..!
चलो हम भी ले लें प्रकृति का आनंद भरपूर…!
**~सुप्रभात मित्रो~**
आने वाला "पल" और "कल" मंगलमय हो ....

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