वो रुठे तो यादो में आते..
न ऱुठे तो दिल में समा जाते..!!
ये चाहत की कशिश में बड़ा दम है..
दिवानगी में कभी खुशी-कभी गम है .!!
हमारी चाहत क्षैतिज के आर-पार है..
तू यादों में भी रहे तो कोई गम नहीं..!!
मुझे जीने के लिए तेरी याद .!
किसी से कम नहीं नहीं...!!!!
. ~~~~~~>मनीष गौतम "मनु"
सुप्रभात *मित्रों
आने वाला "पल" और "कल" मंगलमय हो....
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