बुधवार, 29 अप्रैल 2015

आस और प्यास ____\\__माँ

ओ मेरी आँखो का तारा है.!
मेरा राज - दुलारा है.!!

वो दुर रहे तो मेरी हँसी मुरझा जाती.!
वो पास रहे तो  मैं  प्यासी रह जाती.!!

उसके पास मेरे लिए वक्त नहीं .!
ये सोच कर दिल उदास है..!!

पर वो मेरे बुढ़ापे की 'आश' है.!
इसीलिए वो मेरा 'खास' है...!!

~~~~~ >मनीष गौतम "मनु"

सुप्रभात  *मितों~

आनें वाला "पल" और "कल" मंगलमय हो...!!!

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