सोमवार, 27 अप्रैल 2015

धिरज रखो😊

मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति..

जनाब क्या कहा ? आपकी "आशा" ऱूठ गई .? ओफ् हो ! जरूर उसकी बहन.... "निराशा" का ही कमाल होंगा .? आपको भटकाने का .?

सुनीये जनाब ..मेरा एक मित्र है "धिरज" उससे भी मिल कर देखिये | यकिनन आपको "शान्ति " जरूर मिलेगी |  और बिना बताये एक और मित्र "आनंद" भी आपसे मैत्री कर ही  लेगा |अब जाने भी  दो भाई | ज्यादा मायुसी और एकाकी पन इंसान  को  पागल, नकारा बना देता है | इसीलिए गुज़ारिश है |आपसे कोई मिले न मिले .... मै  "मनु"  हूँ न ... जब चाहो , जहां चाहो,  आपकी परेशानी हल करने | आपसे मिल बैठ दिल 💕की बातें करने कहीं भी मिल ही  जाऊंगा .||

इसीलिए धैर्य रखे अपनें आप को दु:खी न करें !
_________\\_____वादे के साथ नमस्कार
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           आलेख  ------------> मनीष गौतम "मनु"

दिनांक------ 17/11/2017

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