मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति..
जनाब क्या कहा ? आपकी "आशा" ऱूठ गई .? ओफ् हो ! जरूर उसकी बहन.... "निराशा" का ही कमाल होंगा .? आपको भटकाने का .?
सुनीये जनाब ..मेरा एक मित्र है "धिरज" उससे भी मिल कर देखिये | यकिनन आपको "शान्ति " जरूर मिलेगी | और बिना बताये एक और मित्र "आनंद" भी आपसे मैत्री कर ही लेगा |अब जाने भी दो भाई | ज्यादा मायुसी और एकाकी पन इंसान को पागल, नकारा बना देता है | इसीलिए गुज़ारिश है |आपसे कोई मिले न मिले .... मै "मनु" हूँ न ... जब चाहो , जहां चाहो, आपकी परेशानी हल करने | आपसे मिल बैठ दिल 💕की बातें करने कहीं भी मिल ही जाऊंगा .||
इसीलिए धैर्य रखे अपनें आप को दु:खी न करें !
_________\\_____वादे के साथ नमस्कार
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आलेख ------------> मनीष गौतम "मनु"
दिनांक------ 17/11/2017
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