बुधवार, 1 अप्रैल 2015

/*इन्तजार* /इन्तजार* /इन्तजार */इन्तजार*/

हुई शाम प्रियजनों आपका खयाल आ गया.....  
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«`'•~=~शुभ संध्या मित्रवर ¸~=~.•'´»
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आने  वाला  "पल" और  "कल"   गुलजार  हो.....
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