हमसे मिलकर सारा समाज बना है ! परन्तु हम,
जिन्दा है समाज के सहारे खुद के कारण नहीं !
यदि हमें जिन्दा रहना है तो हमें समाज को जीवित
रखना होगा | वर्ना मानव का पतन निश्चित है |
~~~~~~> मनीष गौतम "मनु"
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